दिनांक 22 नवम्बर, 2022 को झारखंड विधान सभा के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय का सम्बोधन:-

दिनांक 22 नवम्बर, 2022 को झारखंड 

विधान सभा के स्थापना दिवस समारोह 

के अवसर पर माननीय राज्यपाल 

महोदय का सम्बोधन:-


 झारखंड विधान सभा के स्थापना दिवस के अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनायें देता हूँ। अत्यंत हर्ष का विषय है कि आज हम सब राज्य विधायिका की स्थापना की 22वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

 बिहार राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के तहत झारखंड राज्य का गठन देश के 28वें राज्य के रूप में हुआ। मैं इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को स्मरण करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूँ जिन्होंने जन-आकांक्षाओं को देखते हुए एवं इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से झारखण्ड राज्य का निर्माण किया।

 आज का दिन आप सभी के लिए आत्म-अवलोकन एवं आत्म-चिंतन का भी दिन है कि लोकतंत्र के इस मंदिर ने जन-अपेक्षाओं को पूर्ण करने की दिशा में कहाँ तक सफलता अर्जित कर पाई हैं और आगे किन क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है?

 गौरव की बात है कि वैश्विक मंच पर हमारे देश को विश्व में लोकतंत्र की जननी कहा जाता है। लोकतंत्र में जनता ही सर्वेसर्वा होती है। लोकतांत्रिक संस्थाओं की मर्यादा और विश्वसनीयता अक्षुण्ण रखना सभी जनप्रतिनिधियों का दायित्व है, क्योंकि जनप्रतिनिधियों के आचरण और व्यवहार पर ही प्रतिनिधि संस्थाओं की गरिमा निर्भर करती है।

 हमारे विधायक प्रतिनिधि संस्थाओं के सदस्य होने के नाते विधान सभा की प्रतिष्ठा और मर्यादा को और उच्च करने में योगदान दें। सदन में बैठकों की कम होती संख्या और कार्यवाही में बढ़ते अवरोध आज चिंता के विषय हैं जिन पर सोचने और आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है।

 जनता के भरोसे पर खरा उतरने के दायित्व के प्रति जनप्रतिनिधियों को हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए। जनता की आवाज सदन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने में जनप्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता जरूरी है। जनता अपने प्रतिनिधि का चयन बहुत ही आशाओं और विश्वास के साथ करती है। इसलिए जनप्रतिनिधि उनकी समस्याओं के निराकरण एवं क्षेत्र के विकास के लिए उत्तरदायी हैं।

 एक जनप्रतिनिधि होना बड़े ही सम्मान व विश्वास की बात होती है, विधायकों का कर्तव्य एवं परम दायित्व है कि वह जनता की समस्याओं और चिंताओं के प्रति सजग रहें। उन्हें सदन में जनता की शिकायतों को रखकर उनकी आवाज बनना चाहिए जिससे सरकार उनके शीघ्र समाधान हेतु उचित कदम उठा सके।

 राज्य की सर्वोच्च पंचायत व जन-प्रातिनिधि संस्था होने के नाते विधान सभा का लोगों की आकांक्षाओं को मूर्त रूप प्रदान करना एक महत्वपूर्ण दायित्व है। सदन में कानून बनाने समय भी जनप्रतिनिधियों को उस पर व्यापक चर्चा एवं विचार करना चाहिए। सदन में जनहित के विषयों को आप लोग इतने प्रभावशाली एवं गरिमा के साथ उठाएं कि आपके क्षेत्र की जनता कहें कि ‘मेरा विधायक सर्वश्रेष्ठ है।‘

 जनता अपने प्रतिनिधियों का सदन में उनके द्वारा किए गए आचरण एवं कार्यवाही में भागीदारी का आकलन करती है और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ तुलना भी करती है। वे अन्य क्षेत्रों में संचालित विकास व कल्याणकारी योजनाओं को भी देखती हैं। इसलिए आपलोगों को सदन में जनहित के अधिक-से-अधिक विषयों पर चर्चा करना चाहिए और सरकार से उनके समाधानों की मांग करना चाहिए।

 राज्य के विकास में राज्य विधायिका का अहम योगदान होता है। न केवल कानून बनाने के लिए, बल्कि पक्ष और विपक्ष के सभी विषयों पर चर्चा और वाद-विवाद का अवसर विधायिका उपलब्ध कराती है। राज्य विधायिका अपने विभिन्न समितियों के माध्यम से भी कार्यपालिका के क्रियाकलापों भी निगरानी रखती है। समय-समय पर की जाने वाली समीक्षाओं से ये समितियां कार्यपालिका को आईना दिखाने का काम करती है, जो व्यापक जन-कल्याण में सहायक होती है।

 मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि माननीय विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधान सभा की समिति व्यवस्था को और भी अधिक प्रासंगिक बनाने का कार्य किया जा रहा है। समितियाँ राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की योजनाओं व कार्यकलापों पर निगरानी रखने का कार्य करती हैं, वे सरकार की कमियों को अपने प्रतिवेदनों द्वारा उजागर करती हैं और उनमें संशोधन की अनुशंसा करती हैं।

 यह अत्यन्त ही हर्ष का विषय है कि झारखण्ड विधानसभा अपने स्थापना दिवस के अवसर पर एक विधायक को उत्कृष्ट विधायक से सम्मानित करती है। मैं इस वर्ष इस सम्मान को ग्रहण करने के लिए श्री विनोद सिंह जी को हार्दिक बधाई देता हूँ।

 श्री विनोद सिंह अपने विधान सभा क्षेत्र के नागरिकों के विभिन्न समस्याओं को सदन में रखने का प्रयास करते हैं। इनके पिता स्व० महेंद्र सिंह जी भी एक जुझारू एवं संवेदनशील जनप्रतिनिधि थे। श्री विनोद सिंह ऐसे जनप्रतिनिधि हैं, जब इनकी कार चोरी हो गई, जो इन्होंने लोन पर लिया था तब जनता ने चंदा इकट्ठा कर कार खरीद कर इन्हें समर्पित किया ताकि इन्हें क्षेत्र भ्रमण करने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।

 विनोद जी, जनता के सहयोग से उपलब्ध वाहन आपके प्रति जनता का स्नेह एवं विश्वास को प्रदर्शित करता है और जिन्हें जनता का स्नेह प्राप्त हो, वे भाग्यशाली होते हैं।

 जब मैं राजनीति में था मेरा द्वार हमेशा जनता के लिए खुला रहता था। मेरे पास आने वाला व्यक्ति किस दल, जाति और धर्म का है, यह मैंने कभी भी नहीं देखा और न ही जानने की कोशिश की। आज भी मेरी जीवनशैली वैसी ही है। राजनीति का मकसद ही लोगों की सेवा करना तथा उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना होना चाहिये।

 झारखण्ड विधान सभा का नाम देश की आदर्श विधान सभाओं में हो, इसके लिए प्रत्येक सदस्य को अपनी सक्रिय भूमिका निभानी होगी। सभी माननीय सदस्य चाहे वे पक्ष के हों अथवा विपक्ष के हों, जनता की भलाई के लिए दलगत भावना से ऊपर उठकर कार्य करें।

 एक बार पुनः इस पुनीत अवसर पर मैं आप सभी को बधाई देता हूँ।

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