मोहर्रम इंसानियत बचाने का नाम है: मौलाना तहजीबुल हसन

मोहर्रम इंसानियत बचाने 

का नाम है: मौलाना 

तहजीबुल हसन


रांची: मस्जिद जाफरिया रांची में मजलिस जिक्र शहीदाने करबला की दूसरी मजलिस को ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड झारखंड के चेयरमैन व मस्जिद जाफरिया रांची के इमाम व खतीब हजरत मौलाना हाजी सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने संबोधित करते हुए कहा कि हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानी हुकूमत बचाने के लिए नहीं बल्कि इंसानियत और हक को बचाने के लिए है। इमामे हुसैन की कुर्बानी से यह सबक मिलता है की सच्चाई और हक के रास्ते पर चलकर जान की बाजी लगाना बहादुरी का काम है। इमामे हुसैन का मदीने से चला हुआ काफिला 2 मोहर्रम को करबला पहुंचा और इमाम हुसैन ने जमीन ए कर्बला को उनके मालिक से खरीदा और वहां खेमा(टेंट) लगाया। इमामे हुसैन ने जमीन को खरीद कर जमाने को यह पैगाम(संदेश) दिया कि दूसरों की जायदाद, जमीन पर जबरन कब्जा करना बुजदिली है। यह मजलिस अंजुमन जाफरिया रांची के तत्वधान में किया जा रहा है।

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