बेरोजगार युवक व्यवस्था में लगाए गए हैं उन्हें मेहनताना के रूप में वहन मालिकों के मर्जी से संघ द्वारा पैसे दिए जाते हैं यह अवैध वसूली नहीं है बल्कि संघ द्वारा क्षेत्र से बेरोजगारी दूर करने के उपाय है : आशुतोष मिश्रा

बेरोजगार युवक व्यवस्था में 

लगाए गए हैं उन्हें मेहनताना के

 रूप में वहन मालिकों के मर्जी से संघ 

द्वारा पैसे दिए जाते हैं यह अवैध वसूली

 नहीं है बल्कि संघ द्वारा क्षेत्र से 

बेरोजगारी दूर करने के उपाय

 है : आशुतोष मिश्रा



वाहन मालिको की सुविधा के लिए बने संघ पर अवैध वसूली के लगे आरोपो का मामला।

तीन दिनो पूर्व संघ ने बैठक कर वसूली मामले में बतलाई थी सच्चाई ,वाहन मालिको ने भी अवैध वसूली की बातों से किया इंकार ।

संघ ने कहा-एक पखवाड़े से बंद है लोकल सेल का कोयला,नही लग रहे वाहन,स्वार्थ के लिए कुछ लोग लगा रहे वसूली का आरोप ।

टंडवा: टेरर फंडिंग और कोयले के हेरफेर को लेकर वर्षों से बदनाम आम्रपाली कोल परियोजना के माथे से बदनामी का धब्बा मिटने का नाम नहीं ले रहा है। जिस परियोजना में वाहनों के एंट्री से लेकर लोडिंग तक के लिए वाहन मालिकों और चालकों को कई-कई दिनों तक जाम और लम्बी लाइनो में खड़ा रहना पड़ता था,वहां वाहन मालिकों की सुविधा और व्यवस्थित तरीके से वाहनों की एंट्री,लोडिंग और संचालन को लेकर बनाए गये विस्थापित प्रभावित वाहन मालिक संघ के ऊपर आपसी फूट और मतभेद के कारण अवैध वसूली के आरोप लगाए गए जा रहे हैं । हाल ही के दिनों में समाचार पत्रों और शोशल मिडिया में यह भ्रामक खबर को आग की तरह फैलाकर न सिर्फ वाहन "मालिक संघ" को बदनाम किया जा रहा है बल्कि परियोजना में वाहनों के एंट्री,पार्किंग और लोडिंग जैसे व्यवस्था को धराशाई की किया जा रहा है । बात है वर्ष 2024 के मई-जून महीने की, जब ट्रांस्पोर्टरों के मनमानी के खिलाफ विस्थापित-प्रभावित वाहन मालिक संघ के बैनर तले परियोजना में वाहनो का संचालन करवा रहे सैंकड़ो वाहन मालिकों ने अपनी भाड़ा बढ़ोत्तरी,वाहनो की नियम एवं कतारबद्ध तरीके से एंट्री सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन किया था। आंदोलन में वाहन मालिको की एकता और एकजुटता रंग लाई और जो ट्रांस्पोर्टर कम भाड़ा दर में अपने कोयले के उठाव को लेकर अड़े थे उन्हें संघ की मांगों के आगे झुकना पड़ा। तब सभी वाहन मालिकों ने संघ के जरिए परियोजना में वाहनो के वगैर कोई जाम और नियम संगत तरीके से संचालन को लेकर करीब एक सौ से अधिक युवाओं की टीम तैयार की गई। जिनके देखरेख में वाहनों के एंट्री,पार्किंग के साथ लोडिंग कार्य किया जाता है। इससे परियोजना में अपने वाहन को संचालित करवा रहे वाहन मालिकों की परेशानी कम होने के साथ-साथ वाहनों के नियमित संचालन में भी आसानी हो गई। इस दौरान संघ ने वाहनों के देखरेख में शामिल युवाओं के मेहनताना के लिए सुविधा शूल्क के तौर पर तीन सौ से पांच सौ रूपये प्रति वाहन तय किया गया ।

वाहन मालिको ने अवैध वसूली के बात को नकारा

वही परियोजना में अपने वाहनों का परिचालन कर रहे वाहन मालिकों ने वाहन मालिक संघ के ऊपर लगाए जा रहे अवैध वसूली के आरोपों को निराधार बताया। चतरा के एक वाहन मालिक मोहम्मद असरद ने अवैध वसूली के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि संघ की व्यवस्था के कारण हमारा वाहन सही तरीके से चल पा रहा है। उन्होंने कहा कि संघ के द्वारा उपलब्ध कराए गए सुविधाओं के बदले तीन सौ से पांच सौ तक सुविधा शुल्क लिया जाता है जो सभी वाहन मालिक स्वेच्छा से देते हैं। वही वाहन मालिकों ने कहा कि संघ के द्वारा वाहनो के संचालन और एंट्री एवं लोड़िग सहित अन्य सुविधाओं के कारण ही हमारे वाहन न सिर्फ नियमित तौर पर लोडिंग ले पा रहे हैं बल्कि वाहन का इंस्टॉलमेंट सही समय पर जाने के साथ हम वाहन मालिको का परिवार चल रहा है। साथ ही जहां पर संघ के एकजुटता और मजबूती से पहले रोड सेल का कोयला महीने मे 20-30 हजार टन रहता था वहां 70 से लेकर एक लाख टन तक उपलब्ध होने लगा। यह व्यवस्था दो-तीन महीने ठीक चला जिसके बाद संघ के कुछ लोगो के द्वारा आपसी फूट के कारण अवैध वसूली के आरोप संघ पर लगने के बाद यह व्यवस्था चरमरा गई। अब वर्तमान समय की स्थिति यह है कि इन्ही सब कारणो से कोयले की उपलब्धता कम होने के साथ- साथ ज़्यादातर व्यापारी परियोजना मे काम लाने की दिलचस्पी नही दिखा रहे है।

संघ ने बैठक कर आरोपो पर किया समीक्षा

विस्थापित-प्रभावित वाहन मालिक संघ ने बीते मंगलवार को एक बैठक का आयोजन किया। बैठक में विस्थापित और प्रभावित क्षेत्र के अलावे अन्य क्षेत्रों से भी सैकड़ो वाहन मालिक शामिल हुए। जहां अवैध वसूली को लेकर लगे आरोपों की समीक्षा की गई जहां पर मौके पर मौजूद सभी वाहन मालिकों ने अवैध वसूली के आरोपो को निराधार बताया। इस दौरान संघ के पूर्व अध्यक्ष रह चुके प्रह्लाद सिंह ने कहा कि जिस संघ के देखरेख में सैकड़ो वाहन मालिक अपने वाहनों को वगैर कोई परेशानी का संचालन करवा रहे हो उस संघ के ऊपर चन्द लोगों के द्वारा अवैध वसूली का आरोप लगाकर सैकड़ो वाहन मालिकों की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने संघ के द्वारा पैसे लिए जाने की बात को स्वीकारते हुए कहा कि संघ के द्वारा वाहनों से पैसे जरुर लिए जाते हैं लेकिन वह सभी वाहन मालिकों की मर्जी से होता है। उन्होंने कहा कि वाहनों को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए संघ के द्वारा सैकड़ो वॉलिंटियर नियुक्त करवाए गए हैं जो विस्थापित और प्रभावित क्षेत्र के बेरोजगार युवा है। ऐसे में उनके मेहनताना के लिए संघ के द्वारा सुविधा शुल्क लिया जाता है जिसे कुछ लोग अवैध वसूली बता रहे हैं। वही संघ के आशुतोष मिश्रा ने कहा कि जो वॉलिंटियर वाहनों को व्यवस्थित तरीके से संचालित करवाने के लिए नियुक्त करवाए गए हैं वह सैकड़ो वाहन मालिकों की मर्जी से की गई है। उन्होंने भी कहा कि सिर्फ चंद लोग अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए अवैध वसूली के गलत आरोप लगा रहे हैं।



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