कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वाराणसी पर शिक्षकों ने किया धरना-प्रदर्शन

कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा

 अधिकारी वाराणसी पर शिक्षकों 

ने किया धरना-प्रदर्शन


वाराणसी। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला संयोजक कैलाश नाथ यादव के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया।
धरना सभा में कुल 10 सूत्रीय मांगों को लेकर वक्ताओं ने कहा कि 01अप्रैल‌ 2005 व उसके पश्चात नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली कर परिषदीय विद्यालयों में चल रही पेयरिंग/मर्जर की प्रक्रिया रोकी जाये एवं किसी भी विद्यालय को बन्द न किया जाये। प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक की पदोन्नति एवं तैनाती की जाये। परिषदीय शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की भॉति कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाये तथा छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार शिक्षकों को रू.10 लाख की सामूहिक बीमा का लाभ प्रदान किया जाये। माध्यमिक शिक्षकों की भाँति चयन वेतनमान के अन्तर्गत 12 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान अनुमन्य किया जाये तथा राज्य कर्मचारियों की भाँति उपार्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार अवकाश, प्रतिकर अवकाश एवं अध्ययन अवकाश (स्टडी लीव) अनुमन्य किया जाये व ग्रीष्मकाल में विद्यालय का संचालन प्रातः 07:30 से दोपहर 12:30 बजे तक निर्धारित की जाये। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों की ड्यूटी से मुक्त रखा जाये।आकांक्षी जनपदों में कार्यरत शिक्षकों का अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण किया जाये।मृतक बेसिक शिक्षकों के ऐसे आश्रित जो बी०एड० एवं टी०ई०टी० उत्तीर्ण हैं, को शिक्षक के पद पर नियुक्ति देकर सेवारत विशिष्ट बी०टी०सी० प्रशिक्षण कराया जाय।
धरना सभा को मुख्य रूप से माध्यमिक शिक्षक संघ से पूर्व एम एल सी डाॅ प्रमोद कुमार मिश्र, अध्यक्ष शरफुद्दीन, मंत्री अखिलेश पाण्डेय, प्राथमिक शिक्षक संघ से संतोष कुमार सिंह, सनत कुमार सिंह, ज्योति भूषण त्रिपाठी, दुर्गा सिंह, संजय सिंह,श्यामनारायण सिंह, अजय तिवारी, काशीनाथ यादव, अनूप सिंह, शैलेन्द्र पाण्डेय,ज्ञानेंद्र उपाध्यक्ष, विश्वास पाण्डेय, प्रणव यादव, रमाशंकर यादव, शैलेन्द्र विक्रम सिंह, सुरेन्द्र सिंह, सुनील सिंह, जितेन्द्र पाण्डेय, विरेन्द्र प्रताप सिंह, संजय सिंह, मिथिलेश राय, मनोज कुमार सिंह,सान्तेश्वर मिश्र, पार्थेश्वर पाण्डेय, मनोज कुमार, राजेन्द्र राय, ललित सिंह, श्रीपादबल्लभ वक्षी, नीरज मिश्र आदि ने विचार व्यक्त किये।

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