जंगली हांथियों से भयभीत
ग्रामीण रतजग्गा करने
के लिये हैं विवश
पिछले कई दिनों से डेरा जमाये एक दर्जन जंगली हांथियों का झुंड मचाता है आतंक
कोल परियोजनाओं द्वारा वनाश्रय नष्ट होने से हाथियों का विचरण रुट हुआ प्रभावित, ग्रामीणों को बनना पड़ रहा है कोपभाजन : ग्रामीण
टंडवा (चतरा):वन क्षेत्र अंतर्गत गोंदा, नावाटांड, राहम व सराढू के जंगलों में पिछले कई दिनों से लगभग एक दर्जन जंगली हांथियों द्वारा डेरा जमाये जाने से सुदूरवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग काफी भयभीत हैं। ग्रामीण जानमाल की सुरक्षा हेतु रतजग्गा करने के लिये विवश हैं। पिछले कुछ दिनों से जंगली हाथियों द्वारा रात में विचरण कर फसलों, पालतू पशुओं समेत कई घरों को भी क्षतिग्रस्त करने की छिटपुट घटनाऐं सामने आई है। वहीं वन विभाग द्वारा बचाव के लिये अपने स्तर से हर संभावित तरीके अपनाये जाने की बातें कही जा रही है । 17 जुलाई को रेंजर मुक्ति प्रकाश पन्ना के निर्देश पर देर शाम वनकर्मी कार्तिक पासवान,निर्मल मुंडा, शत्रुघ्न चौबे,विजय कुमार,मनोज दास राहम, गोंदा व नावाटांड पहुंचे एवं ग्रामीणों के बीच पटाखे तथा डीजल- मोबिल देकर उन्हें बचने के लिये आवश्यक सलाह दिये। बताया जाता है कि विभिन्न कोल परियोजनाओं द्वारा तेजी से वनाश्रय नष्ट किये जाने के कारण हाथियों का विचरण रुट काफ़ी प्रभावित हुआ है, जिसका कोपभाजन ग्रामीणों को होना पड़ता है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से शीघ्रताशीघ्र समुचित संज्ञान लेने की अपील की है।

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