रांची महिला महाविद्यालय द्वितीय ग्रेजुएशन समारोह
में राज्यपाल सह कुलाधिपति का संबोधन
दिनांक 13 मई, 2022 को राँची महिला महाविद्यालय, राँची के द्वितीय ग्रेजुएशन समारोह के अवसर पर माननीय राज्यपाल-सह-झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति महोदय का सम्बोधन:-
राँची महिला महाविद्यालय, राँची के द्वितीय ग्रेजुएशन समारोह में आप सभी के बीच सम्मिलित होकर मुझे अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है। मैं इस अवसर पर आप सभी उपाधि ग्रहण करने वाली छात्राओं को हार्दिक बधाई देता हूँ और आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ।
सभी पदक विजेता छात्राएँ विशेष प्रशंसा के पात्र हैं। साथ ही, शिक्षिकाओं एवं अभिभावकों को भी मैं हार्दिक बधाई देता हूँ, जिनके प्रयास से आपको यह सफलता मिली है।
ग्रेजुएशन समारोह का किसी भी विद्यार्थी के जीवन में एक विशेष महत्व है। आप सबका उत्साह व उमंग इस समारोह की गरिमा को और बढ़ा देता है। यह उपाधि महज एक औपचारिकता नहीं, अपितु एक दायित्व भी है। आप अपने कॉलेज की प्रतिनिधि हैं और जहाँ भी कहीं कार्य करेंगी, आपसे ही इस संस्थान की पहचान होगी।
आपका आचरण, व्यवहार और चरित्र यह निर्धारित करेगा कि आपने महाविद्यालय से क्या सीखा और यहां की शिक्षिकाओं ने आपके पीछे कितना परिश्रम किया। आपकी सफलता व आचरण पर इस महाविद्यालय की प्रतिष्ठा निर्भर होगी। आपका आगामी जीवन आपको नए दायित्वों को निभाने के लिए प्रेरित करेगा।
प्रतियोगिता के इस युग में उत्कृष्टता हासिल करना जरूरी है। आज तक आपने सिर्फ पुस्तकों और शिक्षिकाओं से ज्ञान प्राप्त किया है, लेकिन आज के बाद पूरी दुनिया आपके सामने एक विस्तृत पुस्तकालय के रूप में खुल जायेगी।
महिला सशक्तीकरण सामाजिक विकास के लिए जरूरी है। शिक्षा सशक्तीकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है। यह जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है, चाहे वह लड़का हो या लड़की हो।
महिला के अधिकारों की रक्षा में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह लिंग के आधार पर भेद-भाव को रोकने में भी मदद करती है। देश की प्रगति के लिए महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरुरी है। देखा जाता है कि बच्चों की प्रथम गुरु माँ ही होती है जो उन्हें जीवन में मार्गदर्शन करती है।
एक शिक्षित महिला में प्रतिभा, कौशल और आत्मविश्वास होता है, जो उसे विभिन्न दायित्वों को बेहतर रूप से निभाने के लिए प्रेरित करता है। हमारे देश की आबादी का लगभग आधा हिस्सा महिलाओं का हैं।
भारत की महिलाओं ने अपनी प्रतिभा, कला और क्षमता से साबित किया है कि वे किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है और पुरुषों के साथ कंधे-से-कंधा मिला कर चल सकती है और देश की प्रगति में अपना योगदान भी पुरुषों जितना ही दे सकती हैं।
सुखद है कि भारतीय इतिहास ऐसी प्रतिभाशाली महिलाओं से भरा हुआ है। इसमें महिला दार्शनिकों जैसे गार्गी एवं मैत्रेयी आदि शामिल हैं। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भी देश की नारियों ने अहम योगदान दिया। हम समाज और देश के लिए उनके योगदान को कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।
आज महिलाएं जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता अर्जित कर रही हैं तथा अपनी अमिट छाप छोड़ रही है। उनमें प्रत्येक क्षेत्र में अपने देश का नेतृत्व करने की क्षमता है। भारत में महिलाओं ने अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर सफलता के कई ऐसे मुकाम हासिल किए हैं जो हर किसी के लिए मिसाल हैं।
मुझे खुशी है कि हमारी बेटियां उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। राँची महिला महाविद्यालय, राँची का नारी शिक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यहाँ से पढ़ी कई छात्राओं ने अपने ज्ञान, कौशल एवं परिश्रम से विभिन्न क्षेत्रों में सफलताएँ अर्जित की है।
आप अपनी उपलब्धियों से अधिक-से-अधिक छात्राओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु प्रेरित करें। कॉलेज छात्राओं के बेहतर भविष्य निर्माण हेतु सदा सजग रहें एवं गुणात्मक शिक्षा प्रदान करें। शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों में सर्वश्रेष्ठ गुणों को विकसित करना और विद्यार्थियों का समग्र विकास करना है।
राज्य की राजधानी में स्थापित इस महिला महाविद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार का आदर्श माहौल स्थापित करने की दिशा में समर्पित भाव से प्रयास करना चाहिये कि यह पूरे देश के अन्य महिला महाविद्यालयों के लिए न सिर्फ रोल मॉडल माना जाय, बल्कि प्रेरणा का स्रोत भी हो।
महाविद्यालय परिसर में अनुशासन का बेहतर वातावरण हो, हमारी शिक्षिकाओं का छात्राओं के साथ मधुर संबंध हो, शिक्षिकाओं को यहाँ माता के रूप में छात्राओं का मार्गदर्शन करना चाहिये।
शिक्षण की असली खुशी अपने विद्यार्थियों में छिपी प्रतिभा व क्षमताओं को प्रोत्साहित करना एवं उन्हें सृजनशील व दक्ष बनाना है। विद्यार्थियों को आत्मविश्वासी के साथ-साथ विनम्र भी बनना होगा, तभी आपके जीवन का मार्ग प्रशस्त होगा।
विद्यार्थी ज्ञानवान बनने के साथ-साथ नैतिकवान एवं चरित्रवान भी बनें। शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ डिग्री हासिल करना और नौकरी पाना ही नहीं होना चाहिये। शिक्षा का मूल उद्देश्य चरित्र निर्माण भी है। सदा निर्भीक होकर जीवन व्यतीत करें और लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ें।
आप कभी भी अपने-आपको किसी से कम न समझें, आप में आसमान छूने की ताकत है, आप हर असंभव कार्य कर सकती हैं। इसलिए हमेशा मजबूत इरादे के साथ आगे बढ़ें और अपनी प्रतिभा एवं अच्छे आचरण से स्वयं के साथ समाज तथा राष्ट्र की प्रगति में निरंतर अपना बहुमूल्य योगदान दें। एक आत्मनिर्भर एवं देशभक्त नारी के रूप में अपनी पहचान स्थापित करें।
एक बार पुनः उपाधि ग्रहण करने वाली सभी छात्राओं को मेरी बधाई। आप सब जीवन में सफलता की ऊँचाई को हासिल करें व अपने लक्ष्य को प्राप्त करें, मेरी शुभकामना सदा आपके साथ है।


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