नेशनल ह्यूमन राइट्स एंड जस्टिस मूवमेंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने न्याय व्यवस्था में बदलाव की मांग की

नेशनल ह्यूमन राइट्स एंड

 जस्टिस मूवमेंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष

 ने न्याय व्यवस्था में बदलाव की मांग की



सभी राज्यों की राजधानी में सुप्रीप कोर्ट की बेंच हो: अरशद खान

रांची: नेशनल ह्यूमन राइट्स एंड जस्टिस मूवमेंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह दर्जनों संस्था के संरक्षक मोहम्मद अरशद खान ने आज 17 मई 2025 दिन शनिवार को रांची के मोरहाबादी स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि हम पूरे देश में न्याय व्यवस्था में बदलाव की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारे देश में न्याय व्यवस्था बहुत महंगी है और गरीबों के पहुंच से दूर है, अदालतों में फैसलों की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। जिसकी वजह से चोरी, डकैती, छिनतई, लूट खसूट,कालाबाजारी, करप्शन, हत्या बलात्कार बढ़ रहा है। इसलिए इस देश की न्याय व्यवस्था में बदलाव होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की बेंच सभी राज्यों की राजधानी में होनी चाहिए। हर राज्य की आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से सुप्रीम कोर्ट की कई कई बेंच हो। अभी भारत की 99% जनता सुप्रीम कोर्ट जाने लायक नहीं है। हाई कोर्ट की बेंच पूरे भारत में कमिश्नरी हेड क्वार्टर पर हो। मुंसिफ अदालत, तहसील हेडक्वार्टर पर हो। तमाम मुकदमे चार हिस्सों में बांटे जाएं। 3 महीना, 6 महीना, 9 महीना और 1 साल का वक्त निर्धारित हो। एक साल से ज्यादा कोई भी केस न चले। मोबाइल कोर्ट हर जगह हो। कॉलेजियम सिस्टम खत्म किया जाए। हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, के जज की भी भर्ती आईपीएस, आईएएस की तरह कंपटीशन से हो। आदिवासी दलित को 30 प्रतिशत, बैकवर्ड को 52% और माइनॉरिटीज को 10% आरक्षण हो। वहीं राष्ट्रीय सचिव हाफिज एहतेशाम मिर्ज़ा, राज्य अध्यक्ष सरवर आलम ने कहा कि नेशनल ह्यूमन राइट एंड जस्टिस मूवमेंट को मजबूत करना है ताकि इसके द्वारा लोगों को न्याय मिल सके। इस मौके पर मोहम्मद अरशद खान, हाफिज एहतेशाम, सरवर आलम, डोली देवी, संत वासुदेव, महेंद्र स्वर्णकार, मो इशफाक समेत कई लोग थे।

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