कोरोना वायरस (कोविड-19)
जून 2025- कोरोना के आंकड़ों
ने चौंकाया-एक्शन में भारत
क्या फिर लौट रहा है कोरोना का डरावना दौर?- शासन प्रशासन आम जनता के सहयोग की मज़बूत चैन बनाना अति आवश्यक
वैश्विक स्तरपर मास्क,सेनेंटाइजर की फ़िर आदत डालना,भीड़भाड़ वाली जगहों व किसीभी अपवाह या डर का शिकार न होना सभी के लिए ज़रूरी है- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र
गोंदिया - वैश्विक स्तरपर दुनियाँ का हर देश अभी तक कोरोना वायरस (कोविड-19) की महामारी को भूल नहीं पाए है, या यूं कहें कि संभल नहीं पाए हैं,इस बीच कोरोना महामारी के अनेक वेरिएंट आ चुके हैं,लेकिन अभी मई माह में जो फिर से कोरोना वायरस की आहट हुई है यह कोविड -19 तुल्य है,ऐसी जानकारी मीडिया में आ रही है हालांकि इसका प्रकोप भारत में तेजी से बढ़ता जा रहा है स्थिति चिंताजनक होती जा रही है क्योंकि संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में भी 7 जून 2025 तक क़रीब 6000 केस आ चुके हैं,जिससे शासन प्रशासन स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गए हैं, हालांकि सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां कोरोना की इस बढ़ते संक्रमण को हल्के में लेने के मूड में नहीं हैं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक हाई-लेवल रिव्यू मीटिंग बुलाई थी जिसमें एनसीडीसी, आईसीएमआर, डिसास्टर मैनेजमेंट सेल और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञों ने भाग लिया, मीटिंग के बाद अधिकारियों ने बताया कि देश में कोविड की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।भारत का इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम और आईसीएमआर के नेतृत्व में चल रहे जीनोम सीक्वेंसिंग कार्यक्रम लगातार कोरोना और अन्य श्वसन संक्रमणों पर नजर बनाए हुए हैं। मंत्रालय ने साफ किया है कि फिलहाल यह चिंता की बात नहीं है, लेकिन सतर्कता ज़रूरी है। देश की स्वास्थ्य व्यवस्था किसी भी संभावित संक्रमण की लहर से निपटने के लिए तैयार है, बता दे जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन के विश्व स्वास्थ्य सभा के 78 वें सत्र में सभा के सभी सदस्यों की आपसी 3 वर्षों की बातचीत के उपरांतभविष्य की महामारी में मिलकर तैयारी करने का समझौता होगया है, जो रेखांकित करने वाली बात है मेरा मानना है कि अब पूरी दुनियाँ की कोई भी महामारी आ जाए तो अगर पूरा विश्व एक साथ एक दूसरे का सहयोग कर उसका मुकाबला करेगा तो वह कोविड- 19 जैसी किसी भी महामारी का गंभीरता से मुकाबला करेगा तो उस महामारी को मैदान छोड़कर भागना ही पड़ेगा, यह होता है एक और एक 11 की ताकत का सटीक कमाल! चूँकि कोरोना वायरस (कोविड-19) जून 2025- कोरोना के आंकड़ों ने चौंकाया -एक्शन में भारत शासन प्रशासन आम जनता के सहयोग की मज़बूत चैन अति आवश्यक है,इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इसआर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,वैश्विक स्तरपर मास्क सैनिटाइजर की फिर आदत फ़िर डालना,भीड़भाड़ वाली जगह व किसी भी अपवाह या डर का शिकार न होना सभी के लिए प्राथमिकता से अत्यंत ही जरूरी है।
साथियों बात अगर हम कोविड -19 महामारी के भारत में पैर पसारने की करें तो, देशभर में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी बढ़ने लगे हैं, कई राज्यों में एक्टिव केस की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है, स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में नए मरीज सामने आए हैं, शनिवार सुबह तक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक्टिव मामलों की संख्या 5755 पहुंच गई है,बीते 24 घंटों में 391 नए मामले सामने आए हैं और चार लोगों की मौत हुई है- जिनमें से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु के लोग शामिल हैं।महाराष्ट्र में कोरोना के 86 नए पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं, राज्य में इस समय कुल 595 एक्टिव केस हैं, वहीं आज 749 मरीजों ने संक्रमण से पूरी तरह उबर कर रिकवरी दर्ज की है।उत्तराखंड में आज 3 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है। राज्य में इस समय केवल 9 सक्रिय केस हैं जबकि आज 17 लोग ठीक हुए हैं, कुल मामलों की संख्या 26 है, जिनमें से 7 प्रवासी मरीज थे और सभी पूरी तरह ठीक हो चुके हैं, पश्चिम बंगाल में वर्तमान में 622 सक्रिय मामले हैं, बीते 24 घंटों में 26 नए केस सामने आए हैं जबकि 88 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे हैं, राज्य में अब तक कोरोना से कोई भी मृत्यु दर्ज नहीं की गई है। हरियाणा में इस समय कुल 102 एक्टिव कोरोना केस हैं, एक दिन पहले तक यह आंकड़ा 87 था, यानी संक्रमण में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, सबसे अधिक मामले गुरुग्राम जिले से सामने आए हैं। गुजरात में कोरोना के 183 नए केस सामने आए हैं, जिससे राज्य में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 822 हो गई है, इनमें से 793 मरीज होम आइसोलेशन में हैं जबकि 29 का इलाज अस्पतालों में चल रहा है, राहत की बात है कि आज 78 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। कर्नाटक में शनिवार को कोविड से दो और मौतें दर्ज की गईं, जिससे राज्य में इस वर्ष कुल मृतकों की संख्या नौ हो गई है, स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बेंगलुरु के बल्लारी के 46 वर्षीय और बेलगावी के 78 वर्षीय व्यक्ति, जिन्हें गंभीर श्वसन संक्रमण के कारण भर्ती किया गया था, 5 जून को निधन हो गया,दोनों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी,शनिवार को राज्य में 57 नए मामले सामने आए, जिससे वर्ष 2025 में अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 894 हो गई है। हालांकि भारत में अभी मामलों की संख्या 6000 है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो ट्रेंड दिख रहा है, वह चिंताजनक है। अगर सही समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो भारत भी इस नई लहर की चपेट में आ सकता है, विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में टीकाकरण का प्रभाव अब कम होने लगा है,बूस्टर डोज की जरूरत एक बार फिर बढ़ गई है,लेकिन लोग इसमें ढिलाई बरत रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है बच्चों बुज़ुर्गों, 65 साल से ऊपर के लोगों, और जिनकी इम्युनिटी पहले से कमजोर है, उन्हें यह संक्रमण तेजी से पकड़ सकता है,साथ ही मौसमी बदलाव, सामाजिक मेलजोल और अंतरराष्ट्रीय यात्रा भी इसके प्रसार को बढ़ावा दे रहे हैं अभी हुई बैठक में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, इमरजेंसी मेडिकल रिलीफ डिवीजन, डिजास्टर मैनेजमेंट सेल, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञ मौजूद थे आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह निष्कर्ष निकाला गया न कि भारत में कोविड-19 स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। सूत्र ने बताया, देश की बड़ी आबादी को देखते हुए 6000 आंकड़े को हल्के में नहीं रहना चाहिए। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बढ़ते मामलों को देखते हुए व्यापक तैयारी की जाए।।इन घटनाक्रमों के मद्देनजर, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, आपातकालीन चिकित्सा राहत प्रभाग, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञों की समीक्षा बैठक के द्वारा की जा रही है,सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां कोरोना की इन अकड़ों को हल्के में लेने के मूड में नहीं हैं, भारत का इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम और आईसीएम आर के नेतृत्व में चल रहे जीनोम सीक्वेंसिंग कार्यक्रम लगातार कोरोना और अन्य श्वसन संक्रमणों पर नजर बनाए हुए हैं, मंत्रालय ने साफ किया है कि फिलहाल यह चिंता की बात नहीं है, लेकिन सतर्कता ज़रूरी है, देश की स्वास्थ्य व्यवस्था किसी भी संभावित संक्रमण की लहर से निपटने के लिए तैयार है। अगर फ्लू जैसे लक्षण हों तो टेस्ट कराएं, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, मास्क और सैनिटाइज़र की आदत फिर से डालें, खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों पर,किसी भी अफवाह या डर का शिकार न बनें, लेकिन प्राथमिकता से सतर्क जरूर रहें।
साथियों बात अगर हम डब्लूएचओ के विश्व स्वास्थ्य सभा के 78 वें सत्र में समझौतों की करें तो,विश्व स्वास्थ्य सभा ने भविष्य की महामारियों के लिए तैयार रहनें के लिए ऐतिहासिक समझौता अपनाया,विश्व का पहला महामारी समझौता, विश्व स्वास्थ्य सभा के सदस्य देशों द्वारा औपचारिक रूप से अपनाया गया, जो वर्तमान में जिनेवा में 27 में 2025 को समाप्त हुआ, संगठन की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था 78 वें विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह ऐतिहासिक निर्णय कोविड-19 महामारी के विनाशकारी प्रभाव के जवाब में सरकारों द्वारा तीन साल से अधिक समय तक की गई बातचीत के बाद आया है, और इसका उद्देश्य भविष्य की महामारियों से दुनिया को सुरक्षित बनाना और उनके जवाब में अधिक न्यायसंगत बनाना है, ऐसा डब्ल्यूएचओ ने कहा। यह महत्वपूर्ण समझौता ऐसे समय में हुआ है जब सिंगापुर और हांगकांग सहित अन्य देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि की खबरें आ रही हैं।
साथियों बात अगर हम माननीय भारतीय पीएम द्वारा 20 मई 2025 को इस 78 वें सत्र को संबोधन की करें तो, इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य के लिए एक विश्व के मुद्दे पर बात की। पीएम ने कहा था कि स्वस्थ विश्व का भविष्य समावेशिता, एकीकृत दृष्टिकोण और सहयोग पर निर्भर करता है। समावेशिता भारत के मूल में है।पीएम नें कहा कि स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने के लिए तकनीक एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक साबित हो सकता है। भारत के पास गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण को ट्रैक करने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है। लाखों लोगों के पास एक अनूठी डिजिटल स्वास्थ्य पहचान है। यह हमें लाभ, बीमा, रिकॉर्ड और सूचना को एकीकृत करने में मदद कर रहा है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि कोरोना वायरस (कोविड-19) जून 2025- कोरोना के आंकड़ों ने चौंकाया-एक्शन में भारत।क्या फिर लौट रहा है कोरोना का डरावना दौर?- शासन प्रशासन आम जनता के सहयोग की मज़बूत चैन अति आवश्यक।वैश्विक स्तरपर मास्क, सेनेंटाइजर की फ़िर आदत डालना,भीड़भाड़ वाली जगहों व किसी भी अपवाह या डर का शिकार न होना सभी के लिए ज़रूरी है।
-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र 9359653465
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